Kabir Doha: Is Than Dhan Ki

इस तन धन की कौन बड़ाई
देखत नैनो में मिट्ठी मिलाई
अपने खातिर महल बनाया
आपहि जाकर जंगल सोया
हाड़ जले जैसे लकडी की मुलिया
बाल जले जैसे घास की पुलिया
कहत कबीर' सुनो भाई साधो
आप मुवे पिछे डूब गई दुनिया
Kabir Doha sung by Pooja Srinivas